संस्था का उद्देश्य (Purpose of Organization)
बुनियादी शिक्षा – (जन जीवन हेतु)
१) व्यावसायिक शिक्षा (Vocational education)
२) वैदिक शिक्षा (Vedic education)
हमारी संस्था का उद्देश्य जिसमे गृह शिक्षा , व्यावसायिक शिक्षा , तकनीकी शिक्षा , महिलाओं को मानसिक व आर्थिक स्वतंत्रता हेतु सिलाई , कढ़ाई , बुनाई के कार्य को तकनीकी स्वरूप से प्रशिक्षित करना है |

जन जीवन हेतु
हमारी संस्था प्राचीनतम शिक्षा पद्धति व्यावसायिक शिक्षा व बैदिक शिक्षा का संचालन करेगी, जिसके लिए एक गुरुकुल का निर्माण किया जा रहा है | जिसमें छात्र एवं छात्राओं को रहने व खान पान के लिए छात्रावास का निर्माण गुरुकुल में ही कराया जायेगा, जिससे छात्रों को शुद्ध शैक्षिक वातावरण अनुभवी आचार्यों द्वारा उपलब्ध होगा |

गुरुकुल
संस्था के द्वारा एक पुस्तकालय (Library) की भी व्यवस्था की गई है, जिसमें कक्षाओं के सभी विषयों के साथ वेदों , ग्रन्थों एवं प्राचीन पुस्तकों का संग्रह होगा जो बिल्कुल निःशुल्क है |
आधुनिक प्रयोगशाला (Modern laboratory) – संस्था के द्वारा गुरुकुल में ही आधुनिक प्रयोगशाला (Modern laboratory) की व्यवस्था की गई है | जिससे विज्ञान वर्ग के छात्रों को संसाधन न होने का अभाव न हो, इसके लिए प्रशिक्षित एवं अनुभवी अध्यापकों द्वारा सुचारु रूप से चलाया जाएगा |
कंप्यूटर शिक्षा (computer education) – गुरुकुल में कंप्यूटर कक्ष एवं कंप्यूटर के ज्ञानी अध्यापकों द्वारा उचित शिक्षा प्रदान की जाएगी |
क्रीडा स्थल (Playground) – संस्था द्वारा केवल मानसिक ही नही, इसके अलावा शारीरिक रूप से भी मजबूत बनाने के लिए छात्र एवं छात्राओं को व्यक्तित्व विकास के लिये खेल के मैदान (Playground) एवं योगा केंद्र (yoga center) की व्यवस्था प्रशिक्षक के साथ की गयी है | संस्था का उद्देश्य है कि गुरुकुल के बच्चे एक दिन देश का नाम रोशन करेंगे, इस उम्मीद पर हम दिन-रात प्रयत्त्न कर रहें है |
हिन्दी भाषा को बढ़ावा – संस्था निरन्तर हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम चलाती रहती है, प्राथमिक शिक्षा बच्चों को स्थानीय भाषा में देने का भी कार्य करती है जिससे बच्चे विद्यालय आने में अग्रसर होते है |
संस्था द्वारा बनाये जाने वाले गरूकुल में बच्चों को मानसिक (Mental), शारीरिक (physical), व्यक्तित्व विकास (Personality Development) की शिक्षा के साथ स्वावलम्बी बनने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सके |

जल संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम (Water Conservation Awareness Program) – संस्था के द्वारा गांव-गांव , घर-घर जाकर उन्हें भविष्य में होने वाले जल संकट के प्रति जागरूक किया जाता है और यह बताया जाता है कि किस तरह से हम जल को संचित कर अपना और अपनी आने वाली पीढ़ी को किसी भी भयानक त्राषदी से बचा सकते है |


सार्वजनिक स्थल , कुआँ एवं मन्दिरों के जीवोद्धार हेतु कार्य – हमारी संस्था का उद्देश्य प्राचीन धरोहरों को संजोकर रखना है, जिसमें प्राचीन मंदिर , कुआँ एवं का जीवोद्धार करना है | और सार्वजनिक स्थलों का आवस्यकता अनुसार निर्माण करवाना है |


गाँव की मिट्टी गाँव में , गाँव का पानी गाँव में |
खेत की मिट्टी खेत में , खेत का पानी खेत में ||
वर्षा के जल का संचय , भरे रहे ताल |
न रहे सूखा, न पड़े अकाल ||